<p style="text-align: justify;">येलो नेल्स सिंड्रोम बहुत ही रेयर डिजीज है जो हाथ और पैर के नाखूनों को एफेक्ट करती है. जिनको येलो नेल्स सिंड्रोम होता है उनमें पलमोनरी और लिम्फेटिक सिस्टम की समस्या देखने को मिलती है. इसे येलो नेल्स सिंड्रोम इसलिए कहते हैं क्योंकी नाखूनों के नीचे बने लिम्फ इसे पीला दिखाते हैं. येलो नेल्स सिंड्रोम किसी भी उम्र के लोगों को हो सकता है लेकिन आमतौर पर यह 50 से अधिक वर्ष के लोगों में ज्यादा पाया जाता है. लिम्फेटिक सिस्टम हमारे इम्यून सिस्टम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो हमारे शरीर में संक्रमण से लड़ने के लिए इम्यून सेल लिम्फ को कैरी करता है. इसमें किसी भी प्रकार की समस्या लिम्फ बढ़ने को बढ़ावा दे सकती है. इसके परिणाम में आप शरीर के अलग अलग हिस्सों में सूजन भी देख सकते हैं. </p> <h3 style="text-align: justify;">अक्सर इन लोगों में येलो नेल्स सिंड्रोम पाया जाता है-</h3> <p style="text-align: justify;">1. जिन्हें कैंसर हो जैसे की लंग कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर या लिंफोना.<br />2. FOXC2 जीन में बदलाव या म्यूटेशन होना जिसकी वजह से पैरों में सूजन हो जाती है.<br />3. ऐसी स्थिती जिसके कारण लिम्फ सर्कुलेशन और ड्रेनेज प्रॉब्लम, लिंफेडेमा जैसी समस्या हो सकती है.</p> <h3 style="text-align: justify;">येलो नेल्स सिंड्रोम के लक्षण</h3> <p style="text-align: justify;">1. लगातार ख़ासी आना <br />2. सांस लेने में तकलीफ़<br />3. निमोनिया जैसे रेस्परेटरी इंफेक्शन</p> <h3 style="text-align: justify;">येलो नेल्स सिंड्रोम का निदान </h3> <p style="text-align: justify;">डॉक्टर येलो नेल्स सिंड्रोम का निदान तीन लक्षण के आधार पर कर सकते हैं, जिसमें नाखूनों का पीला होना, लंग प्रॉब्लम जैसे खांसी या ब्रोन्किइक्टेसिस होना और लोअर लिंब में सूजन होना शामिल है. अगर आपको तीनों लक्षण हैं तब डॉक्टर आगे की प्रक्रीया शुरु करेंगे जिसमें सबसे पहले लंग्स सही से काम कर रहा है कि नहीं और इस निदान की पुष्टी पैरों की सूजन की जांच से करेंगे.</p> <h3 style="text-align: justify;">येलो नेल्स के कॉम्प्लिकेशन </h3> <p style="text-align: justify;">येलो नेल्स सिंड्रोम से आपके लंग्स पर असर पड़ सकता है और ये समस्या गंभीर भी हो सकती है. लंग प्रॉब्लम जैसे ब्रोन्किइक्टेसिस म्यूकस बना कर लंग से सांस लेने में दिक्कत पैदा करने लगता है जिससे निमोनिया जैसी बीमारी हो सकती है. अगर ये फ्लूड लंग के मेम्ब्रेन को ढ़क लेता है तो आपकी हालत और भी खराब हो सकती है.</p> <h3 style="text-align: justify;">येलो नेल्स सिंड्रोम का इलाज</h3> <p style="text-align: justify;">वैसे तो इस बीमारी का कोइ परमानेंट इलाज नहीं है पर इसके कुछ लक्षण सुधारने के लिए हम ट्रीटमेंट कर सकते हैं जैसे-<br />1. प्लूरल इफ्यूजन को ट्रीट करने के लिए सरजरी<br />2. लंग इंफेक्शन और ब्रोन्किइक्टेसिस को ट्रीट करने के लिए एंटीबायोटिक्स<br />3. लक्षणों से राहत के लिए कॉर्टिकोस्टेरॉइड<br />4. ब्लड सर्कुलेशन और सूजन को सही करने के लिए एक्सरसाइज</p> <h3 style="text-align: justify;">क्या येलो नेल्स सिंड्रोम को होने से हम रोक सकते हैं?</h3> <p style="text-align: justify;">हम येलो नेल्स सिंड्रोम को होने से तो नहीं रोक सकते लेकिन उसके लक्षणों को मैनेज और ट्रीट कर सकते हैं. अगर आपको ऐसा कोई लक्षण दिखाई दे रहा है तो डॉक्टर से तुरंत ट्रीटमेंट के लिए कंसल्ट करें.</p> <h4 style="text-align: justify;">यह भी पढ़ें:<a title=" ईयरफोन इस्तेमाल करने वाले जरूर पढ़ें ये ख़बर, हो सकती है 4 गंभीर बीमारियां" href="https://ift.tt/Wxp9zg4" target="_self"> ईयरफोन इस्तेमाल करने वाले जरूर पढ़ें ये ख़बर, हो सकती है 4 गंभीर बीमारियां</a></h4>
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