<div class="adn ads" data-message-id="#msg-a:r8136310550168382147" data-legacy-message-id="187d1f108d2afbe1"> <div class="gs"> <div class=""> <div id=":1rk" class="ii gt"> <div id=":1rl" class="a3s aiL "> <div dir="auto"> <div dir="auto"><strong><strong>Watermelon Side Effects: </strong></strong>गर्मियों का सीजन आ गया है. बाजार में तरबूज भी दिखने लगे हैं. किसान तरबूजों को बेचकर अच्छी खासी कमाई कर लेते हैं. वहीं, बाजार में तरबूज बेचना वाला व्यक्ति यही दिखाता है कि अंदर से तरबूज कितना लाल है. पर इस तरह के तरबूज के लाल होने की कुछ और भी होती है. इसे खतरनाक केमिकल लगाकर लाल भी कर दिया जाता है. जिससे यह सेहत के लिए बेहद खतरनाक हो जाता है. इसलिए केमिकल युक्त तरबूज की जांच के लिए कुछ मानक भी निर्धारित हैं. <h3>एरिथ्रोसिन सेहत के लिए है खतरनाक</h3> <p>तरबूज को अंदर से लाल गहरा रंग करने के लिए किसान खतरनाक व जहरीले डाई एरिथ्रोसिन का प्रयोग करते हैं. इसके इस्तेमाल से तरबूज बेहद लाल हो जाता है. मगर खाने में उतना ही जहरीला. भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण ने इससे बचाव के लिए एक बयान और वीडियो भी जारी किया है. इसमें लोगों को अवेयर किया गया है कि तरबूज में मिलावट का पता कैसे किया जा सकता है. </p> <h3>इस तरह करें जांच</h3> <p>वीडियो में दिखाया गया है कि पहले तरबूज को दो हिस्से में काट लें. इसके बाद गूदे पर कॉटन बॉल की मदद से डाई का पता कर लें. यदि कॉन बॉल का रंग चेंज होता है तो इसका साफ मतलब है कि इसमें डाई का प्रयोग हुआ है. यदि ऐसा नहीं हो पाता है तो तरबूज प्राकृतिक रूप से पका है. </p> <h3>नर्वस सिस्टम करता है डेमेज</h3> <p>एरिथ्रोसिन का लंबे समय तक प्रयोग नर्वस सिस्टम को डेमेज कर सकता है. एक स्टडी में सामने आया है कि लंबे समय तक इस तरह की डाई का प्रयोग नर्वस सिस्टम प्रभावित होता है. इससे व्यवहार संबंधी दिक्कतें होती हैं. थायरॉइड संबंधी दिक्कतें होती हैं</p> <h3>कार्बाइड का प्रयोग भी गलत</h3> <p>फलों को जल्दी पकाने के लिए किसान और कारोबारी कार्बाइड का प्रयोग करते हैं. कारोबारी किसानों से फल कच्चा ही खरीद लेते हैं. जल्दी पकाने के चक्कर में उसपर कार्बाइड लगा दिया जाता है. आम, केले, खजूर समेत अन्य पफलों को पकाने में भी इसका प्रयोग किया जाता है. ऐसेफलों को काटने से पहले अच्छे से साफ कर लेना चाहिए. ववहीं, इस तरह के पके हुए फल के सेवन से सिरदर्द, स्किन पर रेसेज, खुजली, नर्वस सिस्टम प्रभावित, बेहोशी, दौरे जैसी स्थिति बन सकती है. लंबे समय तक इसका सेवन बेहद खतरनाक हो सकता है. </p> </div> <div dir="auto"> </div> <div dir="auto"><strong>Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.</strong></div> </div> <div class="yj6qo"> </div> <div class="adL"><strong>यह भी पढ़ें : </strong><strong><a title="मुंह के छालों ने कर रखा है परेशान? अपनाएं आयुर्वेदिक उपाय, तुरंत मिलेगा आराम" href="https://ift.tt/rYxv72h" target="_self">मुंह के छालों ने कर रखा है परेशान? अपनाएं आयुर्वेदिक उपाय, तुरंत मिलेगा आराम</a></strong></div> </div> </div> </div> </div> </div>
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