Brain Eating Amoeba: शरीर ही नहीं दिमाग खा जाएगा यह जीव, कोरोना के बाद इस गंभीर बीमारी ने उड़ा दी लोगों की नींद

<p style="text-align: justify;"><strong>Brain eating Amoeba:</strong> एक तरफ पूरी दुनिया कोरोना के नए वेरिएंट से परेशान है वहीं दूसरी तरफ एक अजीबोगरीब बीमारी ने इस दुनिया में दस्तक दे दी है. इस बीमारी का नाम है 'ब्रेन-ईटिंग अमीबा'. इसका नाम सुनते ही दिमाग में कई तरह के सवाल उठ रहे होंगे. क्या अमीबा दिमाग खा जाएगा?&nbsp; दिमाग कैसे खा सकता है? पहले आपके इस सवाल का जवाब देते हैं. दरअसल इस अमीबा का साइंटिफिक नाम नेगलेरिया फाउलेरी है. यह एक छोटा सा जीव है जो गर्म और ताजे पानी और मिट्टी में भी जिंदा रह सकता है.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>इस बीमारी का पहला केस साउथ कोरिया में मिला है</strong></p> <p style="text-align: justify;">इस बीमारी का पहला केस दक्षिण कोरिया में मिला है.ब्रेन ईटिंग अमीबा से साउथ कोरिया में एक व्यक्ति की मौत हो गई है. जिसके बाद पूरी दुनिया में इस बीमारी को लेकर हलचल मच गई है. ब्रेन ईटिंग अमीबा को दिमाग खाने वाला अमीबा कहा जाता है.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>क्यों इसे दिमाग खाने वाला अमीबा कहा जाता है?</strong></p> <p style="text-align: justify;">यह अमीबा आपका दिमाग नहीं खाता है बल्कि इसके कारण दिमाग में इंफेक्शन और सूजन हो सकता है. सिर्फ इतना ही नहीं यह आपके मौत का कारण भी बन सकता है. इस अमीबा से होने वाली इंफेक्शन को अमेबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस (पीएएम) कहा जाता है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह अमीबा दुनिया भर में पाया जाता है, इंफेक्शन के मामले बेहद रेयर हैं. रोग नियंत्रण केंद्र (सीडीसी) के मुताबिक अमेरिका में साल 2008 और 2017 के बीच केवल 34 मामले दर्ज किए गए थे.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>इस बीमारी के शुरुआती लक्षण: </strong>दिमाग खाने वाले अमीबा या यूं कहें नेगलेरिया संक्रमण के शुरुआती लक्षण 24 घंटे से 14 दिनों के बीच कहीं भी दिखाई दे सकते हैं.</p> <p style="text-align: justify;">बुखार</p> <p style="text-align: justify;">भयानक सरदर्द</p> <p style="text-align: justify;">मतली या उलटी</p> <p style="text-align: justify;"><strong>एक बार यह बीमारी शरीर में एंट्री ले ली उसके बाद संक्रमण तेजी से बढ़ता है. फिर शरीर में इस तरह की दिक्कतें शुरू होती है.</strong></p> <p style="text-align: justify;">गर्दन में अकड़न</p> <p style="text-align: justify;">लाइट को लेकर आंखों पर जोड़ पड़ना</p> <p style="text-align: justify;">उलझन</p> <p style="text-align: justify;">संतुलन की हानि</p> <p style="text-align: justify;">दु: स्वप्न</p> <p style="text-align: justify;">बरामदगी</p> <p style="text-align: justify;"><strong>यह बीमारी कैसे आप तक पहुंचती है या क्या कारण हो सकते हैं:</strong></p> <p style="text-align: justify;">अमीबा आपके नाक के जरिए बॉडी के अंदर जाती है. उसके बाद वह आपके नाक और दिमाग तक पहुंच जाता है. जहां फिर यह अपना काम शुरू करता है और उस जगह पर इंफेक्शन हो जाता है. वहीं सीधे इसके उलट गंदे पानी में नेगलेरिया संक्रमण नहीं फैलता है.&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;">यह संक्रमण आपके अंदर तभी एंट्री लेता है जब आप गर्म पानी, मीठे पानी की झील, नदी में तैर रहे होते हैं. स्विमिंग पूल. नाला में यह अमीबा मिलना मुश्किल है.&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;">नेग्लरिया गर्मी से प्यार करता है और गर्म या गर्म पानी में पनपता है, इसलिए गर्मी के महीनों में संक्रमण होता है.</p>

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