Tuberculosis: कई साल में पहली बार बढ़ी टीबी रोगियों की संख्या, यह वायरस बना जिम्मेदार

<p style="text-align: justify;"><strong>TB Treatment:</strong> टीबी यानि ट्यूबरकुलोसिस लंग्स से जुड़ी बीमारी है. जब किसी भी व्यक्ति का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है या फिर आसपास फैल रहे टीबी के इंफेक्शन के कारण यह बीमारी आपको जकड़ लेती है. एक समय में टीबी महामारी की तरह सामने आई थी, लेकिन विश्व स्तर पर अलग अलग देशों के प्रयास के कारण अब यह सामान्य रोग बनकर रह गया है.</p> <p style="text-align: justify;">भारत सरकार ने भी टीबी पर काबू पाने के लिए कई कदम उठाए हैं. केंद्र सरकार और स्टेट गवर्नमेंट सरकारी अस्पताल और विभिन्न जिलों में बने टीबी केंद्रो पर टीबी की फ्री दवाएं दे रही है. पिछले कई सालों से टीबी के आंकड़ों में कमी दर्ज की जा रही थी. लेकिन वर्ष 2022 टीबी को लेकर थोड़ा परेशान करने वाला सामने आया है. डब्ल्यूएचओ ग्लोबल ट्यूबरकुलोसिस रिपोर्ट 2022 के अनुसार, टीबी रोगियों की संख्या विश्व में पहली बार बढ़ी है. वर्ल्ड में कोहराम मचाने वाला वायरस इस बीमारी को बढ़ाने के पीछे जिम्मेदार बना है.&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;"><strong>टीबी बढ़ने के पीछे Corona जिम्मेदार</strong><br />टीबी रोगियों में उनको भी शामिल किया जाता है, जिनमें टीबी की दवा छोड़ने के बाद दवाओं के खिलाफ रेसिस्टेंट पैदा हो गया है यानि उनपर पहले चरण की दवा असर नहीं करती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने माना है कि टीबी रोगियों की संख्या विश्व में पहली बार बढ़ी है और इसके लिए कोविड वायरस जिम्मेदार है. इसके पीछे वजह बताई गई कि कोविड 19 की दस्तक के बाद वर्ष 2020 में अधिकांश देशों में लॉकडाउन लग गया. मरीजों तक टीबी की दवाएं नहीं पहुंच पाईं. इसी कारण टीबी रोगियों की संख्या में इजाफा हो गया.&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;"><strong>तीन में से 1 को मिला इलाज</strong><br />लॉकडाउन से टीबी बीमारी के खिलापफ लड़ाई में खासा नुकसान हुआ है. मरीजों को दवा समय पर नहीं मिली. इसी कारण टीबी रोग बढ़ गया. डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना के कारण दवा प्रतिरोधी टीबी से पीड़ित तीन में से केवल एक व्यक्ति को ही इलाज मिल रहा है. अफ्रीकन देशों में बुरा हाल है.&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;"><strong>INDIA में भयावह है टीबी की स्थिति</strong><br />भारत में हर साल करीब 2.20 लाख मौत केवल टीबी से हो रही हैं. देश में टीबी रोग गंभीर बना हुआ है. भारत सरकार वर्ष 2025 तक टीबी को देश से जड़ से खत्म करने की योजना पर काम कर रही है. हालांकि केंद्र सरकार की योजना में कोरोना ने कुछ बाधा डाली है. टीबी एक बैक्टीरियल इंफेक्शन है. यह मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करता है. इसके बैक्टीरिया हवा से हवा में एक व्यक्ति से दूसरे में फैलते हैं. इम्यून सिस्टम कमजोर होने पर यह रोग तेजी से अपनी चपेट में लेता है.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि और तरीकों को केवल सुझाव के रूप में लें. किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.</strong></p> <div class="mail-message-content collapsible zoom-normal mail-show-images "> <div class="clear"> <div dir="auto"> <div dir="auto" style="text-align: justify;"><strong>ये भी पढ़ें-&nbsp;</strong></div> <div dir="auto" style="text-align: justify;"><strong><a href="https://ift.tt/8ilchrq कॉमन कॉल्ड नहीं, नाक बहना है कोरोना वायरस का लक्षण! यहां पढ़ें पूरी जानकारी</a></strong></div> </div> </div> </div>

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