<p style="text-align: justify;"><strong>Surrogacy Law In India:</strong> साउथ फिल्म इंडस्ट्री के हॉट कपल ऐक्ट्रेस नयनतारा और फिल्ममेकर विग्नेश सिवन ने इसी साल 9 जून को शादी की और ठीक चार महीने बाद यानी 9 अक्टूबर को ये सेरोगेसी के जरिए माता-पिता बन गए. जैसे ही यह न्यूज विग्नेश ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर की कि 'नयन और मैं अम्मा-अप्पा बन गए हैं' इन्हें बधाई देने वालों का तांता लग गया और फैंस के बीच शुभकामनाएं देने की होड़ मच गई. लेकिन साथ में सोशल मीडिया पर दूसरा बवाल भी मच गया कि शादी के इतने कम समय बाद सेरोगेसी के जरिए पैरेंट्स बने नयनतारा और विग्नेश ने क्या सेरोगेसी कानून का उलंघन किया है?</p> <p style="text-align: justify;">साल 2019 और 2022 में सेरोगेसी कानून में कई तरह के सुधार और बदलाव किए गए. यह भी तय किया गया कि कौन सेरोगेसी करा सकता है और कौन सेरोगेसी कर सकता है. सेरोगेट मदर बनने वाली महिला के लिए भी कुछ नियमों के साथ कई सुविधाएं भी दी गईं. ये सभी बदलाव भारत में बढ़ रहे सेरोगेसी कारोबार को देखते हुए सरकार द्वारा किए गए. क्योंकि इस मामले में ग्लोबली भारत की इमेज एक सस्ते सेरोगेसी मार्केट के रूप में बन रही थी, जिसमें कुछ कानूनी सुधारों की सख्त आवश्यकता थी. अब नयनतारा और विग्नेश ने सेरोगेसी कानून का उलंघन किया है या नहीं यह कोर्ट तय करेगा. लेकिन आप यहां सेरोगेसी से जुड़े जरूरी कानून जान लीजिए. ताकि आपको पता चल पाए कि कौन लोग सेरोगेसी यानी किराए की कोख लेकर माता-पिता बन सकते हैं...</p> <p style="text-align: justify;"><strong>भारत में क्या हैं सेरोगेसी के नियम और कानून?</strong></p> <ul style="text-align: justify;"> <li>सेरोगेसी के बढ़ते व्यापार को रेग्युलेट करने के लिए सरकार ने साल 2019 में सरोगेसी रेग्युलेशन बिल लोकसभा में प्रस्तुत किया, जिसे साल 2021 में पास किया गया और जनवरी 2022 में राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद यह बिल अब कानून बन गया है.</li> <li>इस सरोगेसी कानून के अनुसार, भारत में कमर्शियल सरोगेसी पर रोक लगा दी गई है. अब कोई भी महिला पैसा कमाने के उद्देश्य से सरोगेट मदर नहीं बन सकती, यह काम सिर्फ नि:स्वार्थ भाव से ही किया जा सकता है. हालांकि सरोगेसी के जरिए माता-पिता बनने की इच्छा रखने वाले कपल को सरोगेट मदर की सेहत का पूरा ध्यान रखना होगा, उसका मेडिकल खर्च उठाना होगा और बीमा कवर भी कराना होगा.</li> </ul> <p style="text-align: justify;"><strong>भारत में सरोगेट मदर बनने के नियम क्या हैं?</strong></p> <ul style="text-align: justify;"> <li>यदि कोई महिला सरोगेट मदर बनना चाहती है तो इसके लिए पहली शर्त यही है कि महिला की उम्र 21 से 35 साल के बीच होनी चाहिए. </li> <li>वही महिला सेरोगेट मदर बन सकती है, जिसका अपना कम से कम एक बच्चा जरूर हो. अविवाहित महिलाएं सेरोगेसी नहीं कर सकती हैं. </li> <li>कपल के लिए सेरोगेट मदर बनने वाली महिला उनकी परिजन, रिश्तेदार या फैमिली फ्रेंड होनी चाहिए. </li> <li>सेरोगेसी से जन्मे बच्चे में यदि जन्मजात समस्या होती है तो कपल इस बच्चे को अपनाने से मना नहीं कर सकता. सेरोगेसी से जन्मे बच्चे को सामान्य रूप से जन्मे अन्य बच्चों की तरह सभी अधिकार होते हैं.</li> </ul> <p style="text-align: justify;"><br /><strong>सेरोगेसी से माता-पिता बनने के नियम क्या हैं?</strong></p> <p style="text-align: justify;">भारत में सरोगेसी की सुविधा लेकर हर कोई माता-पिता नहीं बन सकता. बल्कि इसके लिए कुछ कंडीशन हैं जो पूरी तरह क्लियर हैं. जैसे...</p> <ul style="text-align: justify;"> <li>केवल वे कपल ही सरोगेसी के जरिए पैरेंट्स बनने का अधिकार रखते हैं, जो बच्चे को जन्म देने में असमर्थ हों या जिन्हें प्रजनन से संबंधित कोई समस्या हो.</li> <li>लिव-इन में रहने वाले कपल सरोगेसी से पैरेंट्स नहीं बन सकते. बल्कि इसके लिए उनका शादीशुदा होना जरूरी है. </li> <li>सरोगेसी से पैरेंट्स बनने वाले जोड़े में पुरुष की उम्र 23 से 50 साल के बीच और महिला की उम्र 26 से 55 साल के बीच होनी चाहिए.</li> <li>जो लोग तलाकशुदा हैं लेकिन अपने लिए बच्चा चाहते हैं, ऐसे महिला-पुरुष भी सरोगेसी के माध्यम से माता-पिता बन सकते हैं. लेकिन उनकी उम्र 35 से 45 साल के बीच होनी चाहिए. </li> </ul> <p style="text-align: justify;"><strong>सरोगेसी कानून से कौन-से पुराने नियम हट गए?</strong></p> <p style="text-align: justify;">कई सुधारों और बदलावों के साथ साल 2022 में कानून बने सरोगेसी बिल में जो बदलाव हुए हैं, उनमें से कुछ जरूरी बातें आपको पता होनी चाहिए. ताकि किसी तरह का कंफ्यूजन ना रहे. जैसे...</p> <ul style="text-align: justify;"> <li>जब साल 2019 में सरोगेसी बिल संसद में प्रस्तुत किया गया था, उस समय इसमें कहा गया था कि सरोगेसी से वही कपल पैरेंट्स बनने का अधिकार रखते हैं, जिनकी शादी को कम से कम 5 साल का समय हो चुका हो. हालांकि अब ऐसा नहीं है. अब कपल का सिर्फ शादीशुदा होना ही काफी है.</li> <li>अब कोई भी महिला जीवन में सिर्फ एक बार सेरोगेट मदर बन सकती है. जबकि पहले तीन बार ऐसा करने का विकल्प था.</li> </ul> <p style="text-align: justify;"><strong>सरोगेसी कानून का उलंघन करने पर क्या है सजा?</strong></p> <ul style="text-align: justify;"> <li>सरोगेसी कानून का उलंघन करने पर 5 साल की सजा हो सकती है, भारी जुर्माना लगाया जा सकता है या फिर दोनों हो सकते हैं.</li> </ul> <p style="text-align: justify;"><strong>क्यों कहा जा रहा है कि नयनतारा और विग्नेश ने सरोगेसी कानून का उलंघन किया है?</strong></p> <ul style="text-align: justify;"> <li>दरअसल, सरोगेसी कानून में साफ है कि केवल वही कपल सरोगेसी के जरिए पैरेंट्स बन सकते हैं, जो शादीशुदा हों. नयनतारा और विग्नेश भी जब पैरेंट्स बने तब उनकी भी शादी हो चुकी थी. लेकिन ये शादी के सिर्फ 4 महीने में ही पैरेंट्स बन गए. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि यानी इन्होंने सरोगेसी अपनी शादी से पहले ही करा ली थी? अगर ऐसा साबित हो जाता है तो यह कानून के उलंघन के दायरे में आ सकता है.</li> </ul> <p style="text-align: justify;"><strong>यह भी पढ़ें:</strong> <a title="लव लाइफ में ये काम करना भूल जाते हैं ज्यादातर लोग, बढ़ने लगती हैं दूरियां" href="https://ift.tt/MUig2Em" target="_self">लव लाइफ में ये काम करना भूल जाते हैं ज्यादातर लोग, बढ़ने लगती हैं दूरियां</a><br /><br /></p>
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