<p style="text-align: justify;"><strong>Health and Career:</strong> आपसे कहा जाए कि आपको सेहत (Health) और करियर (Career) में से किसी एक को चुनना है तो आप क्या चुनेंगे? दरअसल, आप उत्तर देने से पहले कुछ देर के लिए रुकेंगे और इस बीच यह सवाल पूछने वाले को एक जोरदार तमाचा जड़ना चाहेंगे! या फिर उसे बेवकूफ समझकर आगे बढ़ना पसंद करेंगे. क्योंकि एक खुशहाल जीवन (Happy Life) के लिए ये दोनों ही चीजें बेहद जरूरी हैं. अब आप बहुत इमानदारी के साथ खुद से यह सवाल करें कि क्या वाकई आप खुश हैं इस 8-9 घंटे की डेली जॉब में?</p> <p style="text-align: justify;">आपका उत्तर हां में आएगा इसकी संभावना नग्ण्य है. लेकिन अगर आप खुश भी हैं तो 99 प्रतिशत लोग इस स्थिति में खुश नहीं हैं. हम यहां वर्किंग ऑवर्स घटाने या बढ़ाने की बात नहीं कर रहे हैं बल्कि समाज में घट रही स्थितियों पर आपका ध्यान लाना चाहते हैं और आप भी इस समाज का हिस्सा हैं और बहुत संभावना है कि आप भी बस इसलिए नौकरी कर रहे हैं क्योंकि पापी पेट का सवाल है!</p> <p style="text-align: justify;">जान लीजिए कि आप वर्कोहॉलिक (Workaholic)हैं या नहीं लेकिन अगर आप हर दिन 8 से 9 घंटे की नौकरी कर रहे हैं तो इस बात की पूरी आशंका है कि अगले कुछ साल में मसल्स पेन, हाइपरटेंशन, हार्ट अटैक, ऐंग्जाइटी, स्ट्रोक, डिप्रेशन, मसल्स पेन, बैक पेन, स्लिप डिस्क, सर्वाइकल पेन आदि आपके जीवन का हिस्सा बन जाएं. हमारा उद्देश्य आपको डराना बिल्कुल नहीं है बल्कि सचेत करना है. यदि आप चाहते हैं कि आपकी जॉब भी चलती रहे और फिटनेस भी बनी रहे ताकि ये बीमारियां आपसे दूर रहें तो यहां बताए गए टिप्स को अपनी डेली लाइफ का हिस्सा बना लीजिए...</p> <ul style="text-align: justify;"> <li>रोज एक्सर्साइज करें</li> <li>रोज 8 से 10 गिलास पानी पिएं</li> <li>डेली डायट में फाइबर की मात्रा अधिक लें</li> <li>फास्ट फूड, डीप फ्राइड, मैदा से बनी चीजों से दूर रहें</li> <li>रात का भोजन सोने से दो घंटे पहले करें</li> <li>भोजन के बाद तुरंत घंटों तक बैठें या टहलें नहीं</li> </ul> <p style="text-align: justify;"><strong>युवाओं में बढ़ रहा तनाव और अकेलापन</strong></p> <p style="text-align: justify;">मनोवैज्ञानिक लगातार इस बात पर सचेत कर रहे हैं कि युवाओं में बढ़ता तनाव और अकेलेपन की भावना उन्हें मानसिक बीमारियों की तरफ थकेल रही है. खासतौर पर डिप्रेशन (Depression) बड़ी संख्या में युवाओं को अपनी चपेट में ले रहा है. आमतौर पर भारत में युवा शिफ्ट के तय समय से अधिक देर तक ऑफिस में रुकते हैं, जो एक समय बाद उन्हें भावनात्मक (Emotional health) रूप से परेशान करने लगता है.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें. </strong></p> <p style="text-align: justify;"><strong>यह भी पढ़ें:</strong> <a title="ज्यादातर युवा नहीं जानते भोजन से जुड़ी ये बात, क्या आपको पता है?" href="https://ift.tt/dZy5gfD" target="_blank" rel="noopener">ज्यादातर युवा नहीं जानते भोजन से जुड़ी ये बात, क्या आपको पता है?</a></p> <p style="text-align: justify;"><strong>यह भी पढ़ें:</strong> <a title="इसलिए नखरे करते हैं बच्चे,आपको समझनी होगी ये सायकॉलजी" href="https://ift.tt/F4XGTYA" target="_blank" rel="noopener">इसलिए नखरे करते हैं बच्चे,आपको समझनी होगी ये सायकॉलजी</a><br /><br /></p>
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