<p style="text-align: justify;">यूरिन इंफेक्शन आपको बार-बार परेशान कर रहा है, जबकि आप हाइजीन का पूरा ध्यान रखती हैं तो इसकी जड़ साफ-सफाई की कमी के कारण नहीं बल्कि मानसिक समस्याओं में छिपी हो सकती है. ऐसा कई रिसर्च में सामने आया है कि जिन लोगों को एंग्जाइटी, डिप्रेशन जैसे मानसिक रोग घेरे हुए होते हैं, उन्हें ब्लेडर से रिलेटेड इश्यूज, बार-बार पेशाब आना और यूरिन इंफेक्शन का बार-बार होना जैसी समस्याएं घेरे रहती हैं.</p> <ul style="text-align: justify;"> <li><strong>एक या दो नहीं बल्कि 26 स्टडीज </strong></li> </ul> <p style="text-align: justify;">हेल्थ एक्सपर्ट्स किन्हीं एक या दो रिपोर्ट्स के आधार पर नहीं बल्कि इस विषय में दुनियाभर में हुई अलग-अलग 26 स्टडीज में यह बात सामने आई है कि ओवर ऐक्टिव ब्लेडर और डिप्रेशन के बीच कनेक्शन है. जबकि एंग्जाइटी पर हुई 6 स्टडीज में यही बात सामने आई है कि एंग्जाइटी होने पर भी ब्लेडर ओवर एक्टिव हो जाता है, जिससे बार-बार यूरिन जाने की जरूरत पड़ती है.</p> <ul style="text-align: justify;"> <li><strong>रिसर्च में ये बातें भी सामने आईं</strong></li> </ul> <p style="text-align: justify;">अलग-अलग रिसर्च में ये बात सामने आई है कि डर, अवसाद और बहुत अधिक मानसिक चिंता की स्थिति ब्लेडर के फंक्शन को प्रभावित करती है. यही वजह है कि यूरोलॉजिस्ट भी इस बात से सहमती रखते हैं कि मानसिक समस्याएं यूरिन इंफेक्शन, ब्लेडर और सेक्शुअल हेल्थ को प्रभावित करते हैं.</p> <ul style="text-align: justify;"> <li><strong>यूरिन इंफेक्शन से बचने के तरीके </strong></li> </ul> <p style="text-align: justify;">यदि आपको यूरिन इंफेक्शन बार-बार हो रहा है और दवाएं लेने पर यह कुछ हद तक कम होता है लेकिन फिर से आ जाता है. तो आपको एक बार अपनी मानसिक सेहत पर जरूर ध्यान देना चाहिए. गौर करें कि क्या आप बहुत अधिक तनाव में रहते हैं या चिंता के कारण आपके सिर में भारीपन बना रहता है. अगर हां तो आपको ये बातें अपने डॉक्टर से जरूर बतानी चाहिए.</p> <p style="text-align: justify;">1. आप पानी का सेवन अधिक करें. चाय और कॉफी से जितना संभव हो दूर रहें.</p> <p style="text-align: justify;">2. तनाव को कम करने और मानसिक रूप से मजबूत बनने में ड्राई फ्रूट्स का सेवन बहुत सहायक होता है.</p> <p style="text-align: justify;">3. अधिक से अधिक मात्रा में पानी पिएं. ऐसा करने से इंफेक्शन अधिक पनप नहीं पाता है.</p> <p style="text-align: justify;">4. डॉक्टर की देखरेख में एंटिबायोटिक दवाओं का सेवन करें.</p> <p style="text-align: justify;">5. एकांत में समय बिताना और ध्यान लगाना यानी मेडिटेशन आपको मानसिक रूप से मजबूत बनने में बहुत मदद करता है.</p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"><strong>Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.</strong></p> <p style="text-align: justify;"><strong>यह भी पढ़ें:</strong> <a title="ब्राउन डिसचार्ज से जुड़ी हर वो बात जो आपको पता होना जरूरी है" href="https://ift.tt/3hbmKoO" target="_blank" rel="noopener">ब्राउन डिसचार्ज से जुड़ी हर वो बात जो आपको पता होना जरूरी है</a><br /><strong>यह भी पढ़ें:</strong> <a title="ठंडक दिलाता है पुदीना, इसे खाने से कई बीमारियां होती हैं ठीक" href="https://ift.tt/iKzf83w" target="_blank" rel="noopener">ठंडक दिलाता है पुदीना, इसे खाने से कई बीमारियां होती हैं ठीक</a><br /><br /></p> <p style="text-align: justify;"> </p>
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